👮 समता सैनिक दल 👮
रविवार दि. 07 जनवरी 2016 को दीक्षाभूमी, नागपूर यहाँ डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरजी के साहित्यपर चर्चात्मक अध्ययन के तौर पर निम्नलिखित विषयवर अभ्यासात्मक चिंतन किया गया।
विषय : Scheduled castes must discard Hinduism. ( Vol.17, Part 3)
दिनांक 31 जनवरी 1944 को SCHEDULED CASTES CONFERENCE, कानपुर में आयोजित कि गयी थी. जिसको संबोधित करते हुए बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी कहते है की, हम लोगों ने इस बात का पक्का संकल्प कर लेना चाहिए की भविष्य के स्वतंत्र भारत में हम शासन करनेवाली जमात हों सके। हम लोगों ने इस बात को नकारते रहना है की हम उनके (उच्चवरणियों) आदेशानुरूप चलते रहे या कोई ऐसी जगह स्वीकार करे जिसमे हमारे साथ सेवकों की तरह व्यवहार हो और न की मालकों की तरह। आगे वे कहते है की, सारी दुनिया में हिंदू धर्म ही ऐसा एकमात्र धर्म है जो जातीगत भेदभाव तथा अस्पृश्यता को मान्यता देता है और यही कारण है की Schedule Castes के लोगों पर हिन्दुओं द्वारा अन्याय अत्याचार होते रहते है, इतनाही नही तो वे अपनी जिंदगी आत्मसन्मान (स्वाभिमान) पूर्वक जी भी नही सकते और इसीलिए बाबासाहब बार बार दोहराते हुए कहते है की Scheduled Castes के लोगों ने हिंदू धर्म को त्याग देना चाहिए और हिंदू धर्म की आड़ में ऐसी अपमानजनक जिंदगी जीना नकारना चाहिए। अपनी सामर्थ्यता पर विश्वास करते हुए इस बात को समझ लेना होगा की वो (SC) अन्य किसी भी समुदाय से किसी भी बात में कम नही है ..
अगर उन्हें राजकीय शक्ती में सहभागिता चाहिये हो तो उन्होंने एकमात्र ठोस संघटित शक्ती के रूप में संघटित रहकर इस देश की भविष्यकालीन शासनप्रणाली में अपने अधिकारों के सफलता के लिए संघर्षरत रहना होग। आगे बाबासाहब अपने भाषण में इस बात पर विशेष जोर देकर कहते है की, हर गाँव, शहर तथा प्रांत में समता सैनिक दल इस स्वयंसेवी संघटन की अधिकाधिक शाखाये खोलकर उसका विस्तार करना होगा और इसमें महिलाओं का भी सहभाग होना बेहद जरुरी है.
सामुहिक चर्चात्मक अध्ययन का समय हर रविवार सुबह 9 से 11 स्थल : दीक्षाभूमी, नागपूर.
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शिक्षित करो, आंदोलीत करो और संघटित करो !
समता सैनिक दल,
HQ, दीक्षाभूमी, नागपूर.