👮 समता सैनिक दल 👮
रविवार दि. 31 जनवरी 2016 को दीक्षाभूमी, नागपूर यहाँ डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरजी के साहित्यपर चर्चात्मक अध्ययन के तौर पर निम्नलिखित विषयवर अभ्यासात्मक चिंतन किया गया।
“….otherwise advanced Hindu castes would remain in power and rule the Minorities.” ( Vol.17, Part 3)
प्रथम गोलमेज परिषद में अस्पृश्य वर्ग का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाने के पूर्व दिनांक २ अक्टुम्बर १९३० को मुंबई में डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर अपने अनुयायियोंको दिये हुये भाषण में कहते है की, संविधानिक स्वतंत्र भारत की मांग रखते हुये इस बात को हमें स्वीकारना होगा की स्वराज में अस्पृश्य वर्ग की सहभागिता (fair share ) होना बेहद जरुरी है और इसलिए जो कुछ भी अस्पृश्य वर्ग के लिये न्यायसंगत होगा उन मुद्दोंको गोलमेज परिषद् में रखा जायेगा अगर ऐसा नहीं हुआ तो उच्चवर्णीय हिन्दू जाती के लोग सत्ता में रहकर अल्पसंख्यांक लोगों पर राज करेंगे।
सामुहिक चर्चात्मक अध्ययन का समय हर रविवार सुबह 9 से 11 स्थल : दीक्षाभूमी, नागपूर.
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समता सैनिक दल,
HQ, दीक्षाभूमी, नागपूर.